Balatkaar S1B1 - Ek Chhoti Si Ladki Aur Badmash Ladke Ki Buri Soch Ka Bhayankar Parinam.

 नमस्कार मित्रो,

तो  आज हम आपफो ऐसी कहानी बताउंगा जिसे पढकर आपके होश उड 

जाऐंगे ।

ते जुडे रहिये हमारे साथ ।

चलिये शुरु करते हे ।

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तो  यह कहानी है एक ऐसे व्यक्ति की जिसने खुद को तो एकदम से बदल दिया था लेकिन वह दुनिया की सोच ओर 

उनके ख़राब विचारो ने उसे फिर से बुरा बनने को लेकिन , उसकी बेटी के साथ जो हुआ उसका बदला लेने के 

लिए उसे फिर से खुद बदलना पड़ा। 

तो  यह कहानी उस शख्स की है जो एक समय पर वह बुरा व्यक्ति हुआ करता था ,आपकी भाषा में कहु तो वह 

एक गुंडे हुआ करते थे। लेकिन कहते है हर व्यक्ति को समय के साथ खुद को बदल ना पड़ता है और समय के साथ ही चलना भी पड़ता है। 

image by pexels

कुछ सालो बाद पिताजी के कहने पर इस व्यक्ति की शादी करवाई जाती है , लेकिन अफ़सोस उनके पिताजी 

हार्टअटैक की बीमारी के कारण उनका देहांत हो जाता है। अब जो उसके पिताजी ने जो कुछ भी करके जितना बड़ा कारोबार और गुंडों से भरा साम्राज्य खड़ा किया था अब उसपर उसके बेटे को सौंप दिया था। 


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जिस तरह पिताजी अपना धंधा संभाला करते थे अब उसी तरह उनका बेटा भी अपने पिताजी के धंधे को संभल रहा था , धीरे-धीरे समय के साथ घर में खुशिया भी भर आयी थी। पिताजी के धंधे संभल ने के उपाय की तरह ही वह सभी जो उसके पिताजी के साथ काम किया करते थे वह अब सुबह के नौ बजे से लेकर रात के साडे नौ बजे तक सब्जी मंडी में सब्जिया बेचने के लिए जाया करते थे ,और रात को अपने पिताजी का धंधा संभल ते थे ,यानिकि जान लेना ,किसी और के लिए किसी को ख़तम कर देना और छुप चुप कर घर में घुस कर अपने दुश्मनो को मर देना वगेरा वगेरा बुरे काम रात को ही किये जाते थे। 

भगवान् की कृपा से इनके घर में अब एक बेटी भी थी और एक भाई भी था जो बड़ी कक्षा में पढता था ,लेकिन बहन छोटी होने के कारणवर्ष अभी तीसरी कक्षा में पढ़ती थी। 

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हर रक्षाबंधन के दिन उसकी छोटी बहना अपने भाई को राखी बांधती थी जिससे की उसका भाई अपनी बहन की रक्षा कर सके ,और राखी बंधवाने के बाद हरवक्त उसका भाई कुछ न कुछ तोहफा दिया करता था ओर बहन हमेशा खुश होकर तोहफा ले लेती थी। 
वोह कहते है ना जिंदगी में मौत और समय पर शनि की नजर पड़ती है तोह समज जाना चाहिए की अब कुछ तोह बिगड़ने ही वाला है। 

कभी कभी जिंदगी कैसी सुबह दिखाती है ये हमें पता ही नहीं होता और जिसके कारण हमारी जिंदगी की ऐसी-की -तैसी हो जाती है ,लेकिन जो में आपको बताने वाला हु वो पढ़कर आपके होश ही उड़ जायेंगे ,क्यूंकि कहानी में अब ऐसा बदलाव आने वाला है जो आपके होश सी उड़ा देगा। 
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एक दिन उस व्यक्ति की छोटी बेटी तीसरी कक्षा में पढ़ती थी वह अपनी स्कूल से अपने घर आ रही थी की तभी वहा एक लड़को के झुंड में खड़े एक बदमाश की नजर उस छोटी लड़की पर पड़ी ,उसके मन में उस छोटी लड़की के साथ कुछ करने का मन हो रहा था। वह चुपके से उस लड़की के पीछे -पीछे जाता है और मौका मिलते ही उस छोटी सी लड़की को उठा लेता है और उसे कही दूर उसके गांव की और एक बेकार घर में ले जाता है और उसके बाद जो काम वह बदमाश उस लड़की के साथ जो करता है , वह काफी बुरा है। 

घर में सभी लोग उनकी छोटी बेटी के आने का इन्तजार कर रहे थे क्यूंकि उस दिन उसका जन्म हुआ था तो घर के सभी लोगो ने उसे एक सरप्राइज जन्मोत्सव पार्टी देने का सोचा था। बिटिया अभी तक घर नहीं आयी थी सबको उसके बारे में चिंता हो रही थी। उस लड़की के पिताजी ने उसके स्कूल जाकर भी पुछा , ज्यादा वक़्त हो गया था बिटिया अभी भी घर पर नहीं आयी थी पुलिस स्टेशन में फ़रियाद भी की थी लेकिन कोई जवाब नहीं मिलने के कारण वह और उनके सभी साथी जो उनके पिताजी के साथ काम किया करते थे उन्होंने अब उनकी छोटी बेटी ढूंढ-निकालने ने का निर्णय ले लिया और उस लड़की के पिताजी जो की जिस गुंडे समुदाय सरदार थे उन्हें बातकर वह सभी ढूंढने निकल जाते है। 

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अब उस लड़की के पिता उनकी बेटी की यादो में बेहद परेशान थे ,रो रहे थे और चिंता में थे की उनकी बेटी जहाँ भी हो सुरक्षित हो ,मन ही मन में खुद को कह रहे थे की " मेरे बुरे कर्मो की सजा कहीं मेरी बेटी को ना मिले ,वरना में कभीभी शांति से जी नही पाउँगा। "

अगली सुबह उनके आदमीओ को वह लड़का मिल जाता है जिसने उनके मालिक की बेटी का अपहरण किया था ,उसके बाद उनके आदमी लोग उनके मालिक को कॉल करता है और उसे उस जगह आने को कहता है जहाँ पर वह बदमाश लड़का मिलता है। इतना सुनने के बाद उस लड़की के पिता फ़ौरन वहा पहुंच जाते है जहा उनके आदमी लोग उसे बुलाते है। 

                                                    pexels image-Man in Black Suit Sitting on Chair

आदमी लोगो का कॉल आते ही उस लड़की  वहा आ पहुंचता है और उस  लड़के का कोलर पकड़ के उससे पूंछते है की ," बता मेरी बेटी कहाँ है ,उसका जन्मदिन था कल उसे उसका तोहफा भी देना है ,(गुस्से में ) बता गंदिनाली के कीड़े कहा है मेरी बेटी। " 

इतना पूछते बह लड़का गभराह जाता है और वह उस लड़की के शरीर को जहा रखा होता है वहा ले जाता है और कहता है की ये रही तुम्हारी बिटिया मरी हुई। उसके पिताजी और उनके साथ  वाले आदमी उनकी बेटी के जलाये हुए शरीर को देखकर सभी की आँखों से आँशु निकल  रहे थे। 

pexels-Photo by Elijah O'Donnell

अपनी बेटी का मृत शरीर देखकर कौन पिता होगा जो उसके ही गुनेहगार अपने हाथो से ना मरना चाहेगा , लेकिन इस वक़्त उसका पिता अपनी बेटी के मृत और बिनवस्त्र शरीर को अपने कपडे से ढंककर अपनी बेटी के शरीर को अपनी गड्डी में सुलाकर ,अपनी आँखों ज्वाला उत्पन्न हुए गुस्से से अपनी बन्दूक निकाल कर तेज गति से उस लड़के के कमरे में जाके अपने हाथ में बन्दूक लिए सीधा उसके पूरे शरीर में सरिए गोलिया उतार देता है,और उस लड़के वही ख़तम करदेता है। 


ये देख सभी आदमी लोग उनके मालिक के साथ रोने लगते है ,सभी लोगो की आँखों से आँसू निकल रहे थे। उसके बाद वह सभी लोग उस लड़की को  सलामत उसके शरीर को अंतिमसंस्कार के घर पर ले आते है ,जैसे ही उस लड़की के पिता की पत्नी यनिकि उस  लड़की की माँ उनके पिता के हाथो में उनकी बेटी का शरीर देखती है की जैसे ही ,उसकी माँ उसे हाथ लगाती है और उनकी भी मृत्यु  अपनी बेटी का  मृत शरीर देखने के बाद। 

pexels -Photo by Ivan Samkov

यह सब देखकर उस लड़की का पिता वही पैरो तले गिर पड़ता है ,और जोर -जोर से रोने लगता है। 

यह देखने के बाद उस लड़की के भाई भी अपना होश खो बैठता और उसकी भी मृत्यु हो जाती हैं। 

और कहानी यहाँ पर ख़तम हो जाती है। 

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धन्यवाद। 👍👏👏

टिप्पणियाँ

Unknown ने कहा…
amaizing story of starting and end.
keep it up up bro...😊😊👍👍
suresh patidar ने कहा…
super writing