Successful S1B1 :- Ek Anokhi Kaamyabi And Uske Pichhe Ke Phal Ka Swaad.

 वोह कहावत तो आपने सुनी ही होगी , " कोशिश करने वालो की कभी हार नहीं होती , 

और हारे बिना सफलता का स्वाद मीठा नहीं लगता है। "

तो यह कहानी स्पेशल आपके लिए बस ध्यान से पढ़ना ओके। 

image by google search.

द्रश्य क्रम १ 

नमस्कार स्वागत है आपका इस नयी एक और कहनी में ,

ये कहानी है एक ऐसे नौजवान की जिसने दिखाया की सफलता का स्वाद कैसा होता है ? और सफलता का रूप केसा होता है। तो आइए लिखदी है वोह कहनी जिसमे सफलता का है असली रुप ,बस बिच में कही रूक मत जाना और किसी का मेसेज मत पढ़ लेना ,ठीक है। 

तो कहानी है एक छोटे से लड़के की जिसने बड़े होकर ऐसा कार्य किया जो दुनिया को दिखाने लायक था और चौंकाने लायक भी था। 

image with pexels and by Victoria Borodinova.

ये एक छोटे से लड़के की कहानी है। दरअसल इस छोटे से लड़के का नाम प्रियांश था। उनके पिताजी एक बड़ा कारोबार संभाल ते थे। लेकिन कुछ कारणोसर प्रियांश के पापा के कारोबार में कुछ नुकसान हो जाने के कारण उन्होंने खुदखुशी करली ,जीके कारण अब परिवार अकेला पद गया था। क्यूंकि घर संभालने वाला ही घर छोड़के चला गया था। 

कुछ सालो बाद प्रियांश की माता जी को हार्टअट्क की बिमारी के कारन वह भी धीरे धीरे उनकी भी मृत्यु हो गयी,और इसबार प्रियांश हंमेशा के लिए अकेला पद गया था। प्रियांश को अकेला देखकर उनको किसी पडोसी ने उसे गॉद ले लिया। लेकिन जिन लोगो ने प्रियांश को गॉद लिया था उन्होंने अस्पताल जाकर डॉक्टर के पास जाके उन्होंने प्रियांश का दिमाग एकदम से खाली कर दिया जिससे की उसे सिर्फ गोद लिए हुए लोग उसे अपने माता पिता लगे और जिसके कारन वह कभी ऐसा महसूस न करे की उसके माता पिता मर चुके है। 

और इसके कारण प्रियांश को नयी जिंदगी मिली ,उन्होंने प्रियांश का दिमाग खाली करके भी फिर से वही नाम दिया था। 

द्रश्य क्रम २ 

काफी सालो के बाद प्रियांश बड़ा हो गया था। वह कुछ अठाराह साल का हुआ था और वह अपने कॉलेज में बीबीए की पढाई कर रहा था और उसका उस कॉलेज में आखरी साल था। उसे उसकी कॉलेज में किसी लड़की से प्यार हो गया था जिससे वह शादी करना चाहता था। 

iamge with pexels and by mentatdgt.

आखिरकार उनकी शादी बीस साल की उम्र में हो ही गयी। लेकिन प्रियांश को जो असलियत नहीं पता थी वह असलियत उसके गोद लिए माता पिता ने बतादी थी जिसके कारण वह थोडीसी दुखी तोह हुई थी लेकिन उसने थोड़ी देर बाद हस्ते हुए उनके माता पिताजी को प्रियांश के साथ शादी करने का फैसला लेने के तैयार हो गयी। और इस तरह से उनका लग्नजीवन बहुत अच्छा चलता गया। 

द्रश्य क्रम ३ 

सब कुछ हो गया जो होना था ,यानिकि परिवार से बिछड़ गए और नषादी भी हो गयी अब बस होना बाकी था तोह वह था खुद का धंधा या फिर कुछ छोटी सी नौकरी वॉकरी कहीं से ढूंढनी थी जिससे के अपने परिवार का भार और खर्चा उठा सके ,क्यूंकि सिर्फ शादी से परिवार काम नहीं बनता कुछ चाहिए भी सही जेबखर्ची के लिए। वोह थोड़ी देर के लिए तोह सोच में पड गया। की तभी उसे एक उपाय सजा... ,

image with pexels and by Nathan Cowley.


द्रश्य क्रम ४ 

वह सोच ही रहा था की तभी उसे याद आया की वह जिस कॉलेज में पढ़ते थे उसमे से उन्होंने बीसीए की पढाई की है और वह उस विषय में बहोत माहिर है और वह उस शिक्षा के माध्यम से कुछ बना सकते है ,यानिकि कोई भी ऐसा प्रोग्राम बना सकते है जिससे की वह कोई भी इलेक्ट्रॉनिक साधन में कोडिंग करके उसे अपने हिसाब से काम करवा सकते है। 

image with pexels and by Mikhail Nilov.

उसके दिमाग में कुछ चल रहा था ,कुछ बनाने का जज्बा जाग उठा था। तभी उसे याद आया के भूतकाल में शरूवाती साल में उसने एक मशीन बनायीं थी जो किसी भी व्यक्ति को भविष्य और भूतकाल दिखा सकता था। लेकिन तभी उसकी किस्मत ने साथ दिया। 

उसे याद आया की उसने वह प्रोजेक्ट कॉलेज के एक ख़ास रूम में रखा था।  वह तुरंत उस प्रोजेक्ट को ढूंढने गया ,लेकिन वहा जाकर उसे पता चला की उसने जो प्रोजेक्ट बाणमय थी वह तो एक भारी तूफ़ान आनेके कारण वह टूट गया था। 

इस बात का पता छलते हुए उसे बहुत दुःख पहुंचा ,वह मन इ ऐसा सोचने लगा की वह तो अब कुछ नहीं कर पायेगा ,और अब क्या ही करने को है उसके पास, बस यह सोच के वह मन से हार गया। 

image with pexels and by Nathan Cowley.

द्रश्य क्रम ५ 

और वह उदास होता हुआ अपने घर जा पहुंचा और अपनी पत्नी से कहना लगा की , "  अब में क्या करूँ मुझे कुछ समज में नहीं आए रहा है। मुझे कुछ समज में नहीं आ रहा में क्या करूँ। अब में बिलकुल हार चुका हु। "(रोते हुए )

की तभी प्रियांश की पत्नी ने उसे एक बात क्या कही की ,प्रियांश को एक ऐसा उपाय सुझा की उसके बाद सबकुछ बदल जाने वाला था। 

image with pexels and by PritamChaudhary.

दरअसल प्रियांश की पत्नी ने बी.इस.इ(आई.टी ) का पढ़ी हुई थी। और एक जरूरी बात की वह जो भूतकाल और भविष्यकाल देखने का मशीन वह दोनों ने मिलके बनाया था। वो कहते है ना प्यार से बड़ी कोई ताकत नहीं होती है। यहाँ पर भी कुछ ऐसा ही है। 

प्रियांश की पत्नी ने प्रियांश को एक उपाय दिया की वोह ऐसा रोबोट बनाये जो इंसान के अंदर फिट हो जाए और वह ऐसा सब कुछ कर सके जो उसे करना हो ,और इसलिए उन्होंने इसबार यूजर मैन्युअल रोबोट बनाने का उपाय सोच लिया ,लेकिन एक बात थी जो प्रियांश ने अपनी पत्नी से छुपाकर रखी जिस बात को प्रियांश अपनी पत्नी को वह रोबोट बनजाने के बाद कहना चाहता था जिससे की उसकि पत्नी बहुत खुश हो जाएगी ऐसा सोचने के बाद उन दोनों ने अपना दूसरा लाजवाब रोबोट बनाने के कार्य में जुट गए। 

image with Istock.

फाइनली उनके द्वारा बनाया गया रोबोट अब तैयार हो चुका था ,अब बस कुछ बाकी था तोह उसका टेस्टिंग की वह रोबोट ठीक से काम करता है की नहीं ताकि वह रोबोट के अंदर वह फार्मूला दाल सके प्रियांश जो वह दाल न चाहता था। रोबोट पूरी तरह से तैयार था अब बस कुछ बाकी था तोह उस रोबोट के अंदर वह फार्मूला डालना था जो प्रियांश ने अपनी कॉलेज में भूतकाल और भविष्यकाल देखने के मशीन में डाला था। 


द्रश्य क्रम ६ 

image with pexels and by ketut-subiyanto.

एक रात प्रियांश और उसकी पत्नी सो गए थे , और फिर अचानक से प्रियांश अपनी पत्नी के सो जाने के बाद उस रोबोट के पास जाकर अपना वह पेनड्राइव लेकर उस रोबोट के अंदर जहाँ उसका मैं चिप होता है उसमे वह भूत और भविष्यकाल देखनेका फार्मूला दाल देता है जिससे की रोबोट के अंदर वह फार्मूला पूरी तरह से इनस्टॉल हो जाता है। और रोबोट ठीक से भूतकाल और भविष्यकाल दिखाने लगता है। 

image by google search.

और फिर क्या बन गया एक मैन्युअल और मैजिक रोबोट जो इंसान का कहा भी मान लेता और खुद का भविष्य और भूतकाल भी दिखाने में माहिर था। लेकिन प्रियांश को उसका एडिट और बनाया हुआ फॉर्मूला वाला रोबोट का चेकअप  खुद पर करना था ,लेकिन प्रियांश की पत्नी ये सब बात नहीं जानती थी। और फिर प्रियांश ने वह रोबोट के जरिये उसके फार्मूला का खुद पर आजमाने का विचार आया। और फिर उसने उसके रोबोट द्वारा खुद का भूतकाल देखा और उसने वो देखा जिस सत्य का उसे कोई अंदाजा नहीं था। उसे पता चल गया की उसके गोद लिए हुए माता पिताजी ने उसकी याद दास क्यों मिताई थी और उसके पीछे का आखिर कारन क्या था, वह सब कुछ जान चुका था। 

और उसने तोह अपनी पत्नी का भूतकाल भी देखा था की किस तरह से अपने पति प्रियांश की बिमारी को वरदान समज कर उससे शादी करने का फैसला ले लिया था ,जो देखकर प्रियांश के दिल में अपनी पत्नी के लिए उसके लिए प्यार और बढ़ गया। 

" तब प्रियांश को मालुम हुआ आखिर क्या होती है जिंदगी और उसके निर्णय ?, कैसा होता है सफलता का फल और कैसा होता है सफलता का स्वाद ? "

वह मैजिक रोबोट बनजाने के बाद उन्होंने वह रोबोट सरकार को सैन्यदल में सौंप दिया जिससे की उन रोबोट्स का उपयोग सैनिक अच्छे से कर सके और अपने दुश्मनो का अच्छे से सामना कर सके ,और जिससे देश को एक अच्छी रक्षा मिल सके।  

धन्यवाद 

टिप्पणियाँ

yagnik panchani ने कहा…
this story is really awsome .
i realy liked that story ,
i am really feel like something is did
for now in that time.
thanks.
tommie jein ने कहा…
story is superb .
i realy liked that.
keep it up.
बेनामी ने कहा…
i like that story.
keep it up going the best.
natasha ain ने कहा…
your every story was awsome.